അമരം
............
ഒരു പക്ഷിആകാശം മടുത്ത്
ആഴങ്ങളെ സ്വപ്നം കണ്ടു.
ഒരു മീൻ
ആഴങ്ങളെ വെറുത്ത്
ആകാശത്തെ മോഹിച്ചു.
അവർ
ആ മീൻകൊത്തിയും മീനും
അങ്ങനെയാണ്
കണ്ടുമുട്ടിയത്.
(പത്മനാഭൻ ബ്ലാത്തൂർ)
बंधन
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एक पंछी थी जो,
आसमान से हत्तोसाहित,
देखती थी वह गहराइयों की सपने ।
एक मछली थी जो,
गहराइयों को छोडकर,
करती थी प्यार आसमान से ।
चलते- चलते
रामचिरैया और मछली की,
हो गई मुलाकात ।
एक पंछी थी जो,
आसमान से हत्तोसाहित,
देखती थी वह गहराइयों की सपने ।
एक मछली थी जो,
गहराइयों को छोडकर,
करती थी प्यार आसमान से ।
चलते- चलते
रामचिरैया और मछली की,
हो गई मुलाकात ।
अनुवाद - बी एन सुरेश
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