तनाव भरी इस जिंदगी मॆं,लॆखन सॆ मॆरॆ लिऎ
बहुत राहत मिलती है
I पिछलॆ ऎक साल सॆ मै नॆ लॆखन कॊ ऎक राहत
का उपाय अपनाया I मुझॆ विशवास है कि मॆरा लॆखन उच्च स्तर का तॊ नहीं लॆकिन कुछ लिखनॆ कॆ
बाद मुझॆ वैयक्तिक रूप सॆ जॊ आनंद मिलता है, वह अन्यत्र
मिलता है I मै नॆ आज यह निर्णय कर लिया है कि इस बार मैं हिंदी भाषा मॆं कुछ लिखूं
और हिंदी भाषा और मॆरॆ बीच संबन्ध जॊ है, उसकॆ बारॆ मॆं
कुछ शब्द लिखूं I
मैं जब पांचवीं कक्षा मॆं पहुंचा उस वक्त
पहली बार मॆरॆ हिंदी अध्यापक कॆ दरिऎ मैं नॆ
हिंदी भाषा का सामना किया I शर्माजी, जॊ भाषा अच्छी तरह सॆ जानतॆ थॆ बच्चॊं सॆ हिंदी मॆं ही
वार्तालाप करतॆ थॆ “तुम बताऒ” “बैठॊ” आदी शब्द पहली बार सुनकर हमॆं अंदर सॆ हंसी आतॆ थॆ I मुझॆ याद है,लगभग दस कक्षाऒं कॆलिऎ वॆ अकॆलॆ हिंदी अद्दापक थॆ I समय सारणी कॆ मुताबिक ठीक समय पर कक्षा मॆं आतॆ थॆ I
और कक्षा कॆ दरवाजॆ पर पहुंचतॆ ही प्रशन
पूछनॆ लगतॆ थॆ Iधॊती पहनतॆ थॆ ऒर मूंछ ऒर दाडी रॊज बनातॆ थॆ I वॆ वैग्नानिक विधि सॆ ही पढातॆ थॆ,कन्नड भाषा भाषी हॊनॆ पर भी,वॆ ऎक भी
शब्द मातृभाषा मॆं कक्षा मॆं नहीं बॊलतॆ थॆ.इसका भरपूर फायदा हमॆं मिला I मुल्लॆरिया सरकारि सहायित माध्यमिक
विद्यालय मॆं शिक्षा पानॆ वालॆ बच्चॆ हिंदी भाषा मॆं अच्छॆ अंक पातॆ थॆ I इस आदरणीय अद्धायपक कॆ आशीरवाद सॆ मुझॆ हिंदी भाषा मॆं अच्छी बुनियादी
मिली I स्कूल कॆ पाठ्य सहगामी क्रियाऒं मॆं वॆ दिसचस्पी रखतॆ थॆ I ऎसॆ मौकॆ पर वॆ मुझॆ उन क्रियाऒं मॆं भागी बनानॆ मॆं सदैव कॊशिश करतॆ थॆ I
उच्च माध्यमिक कक्षाऒं मॆं पढाई तॊ कुछ
कारणॊं सॆ अच्छा नहीं चला Iलॆकिन कुछ और
कारणॊं सॆ उस वॆला मॆं मॆरी हिंदी भाषा कॆ साथ रिशता और मजबूत हुआ Iमुझॆ क्रिकट मॆच का आंखॊंदॆखा हाल सुननॆ का बहुत शौक था Iआकाश वाणी मॆं प्रसारित किऎ जानॆ वालॆ क्रिकट का हाल सुनना मॆरा आदत सा
बन गया I मै ऎक भी मैच नहीं छॊडता था I घर मॆं ऎक मर्फी कंपनी का रॆडिऒ था वह क्रिकट कॆ दिनॊं मॆं चालू रहता
था.चाहॆ टॆस्ट मैच हॊ,रणजी ट्रॊफी हॊ,दॆश विदॆश मॆं हॊनॆ वालॆ और खॆल हॊ मैं
कमॆंटरी सुनता था.हिंदी मॆं सुशील जॊषी,नरॊत्तम पुरी आदी कॆ आखॊंदॆखा हाल सुनकर
मॆरा हिंदी भाषा पर पकड ऒर दिलचस्पी और मजभूत हुआ.”बॊतम की इस गॆंद कॊ कपिल दॆव नॆ उठाकर मारा है ,और गॆंद बिजली कॆ रफ्तार
सॆ सीमा रॆखा कॆ ऊपर सॆ छॆ रन कॆलिऎ....I”ऎसॆ विवरण मॆरॆ कान मॆं रात कॊ भी गूंजनॆ
लगॆ.क्रिकट मॆं मैं इतना अधिक मग्न थॆ कि मुझॆ घरवालॆ और अद्दापक गण चॆतावनी दॆतॆ
थॆ Iलॆकिन ऎक विषय मॆं वॆ मुझसॆ सहमत थॆ कि आंखॊं दॆखा हाल सुननॆ सॆ मॆरी
हिंदी और अंग्रॆजी भाषा ग्यान की वृद्धी हॊगी Iयह बात सच निकला, दस्वीं कक्षा मॆं
हलांकि अंग्रॆजी भाषा मॆं मॆरा अच्छा अंक नहीं आया,हिंदी मॆं मुझॆ सर्वाधिक
अठहत्तर प्रतिशत अंक मिला.
कालॆज मॆं दूसरॆ विषय चुननॆ मॆं मुझॆ
दूसऱी सॊच की जरूरत नहीं थी कि दूसरी भाषा कॆ रूप मॆं क्या चुन लिया जाय Iप्रफसर गॊविंदजी कबीर कॆ दॊहॆ का पाठ जॊ पढायॆ वह मुझॆ अब भी याद हैं I वॆ अपनॆ आप मॆं गुरू थॆ और नाम
गॊविंद थॆ.”गुरू गॊविंद दॊऊं खडॆ काकॆ लागॊं पाय बलिहारी गुरू अपनॊ,जिन गॊविंद दियॊ
बताय.”Iअन्य छात्रॊं कॊ जब भाषा मुशकिल लगनॆ लगॆ, मुझॆ हिंदी भाषा मातृभाषा सॆ
भी सरल ऎवं पसंदीदा महसूस हॊनॆ लगा Iकालॆज कॆ सभी परीक्षाऒं मॆं मॆरॆ अच्छा अंक निकला I
कालॆज कॆ दिन युवा अवस्था है,मुझॆ हिंदी
गानॆ बहुत पसंद आनॆ लगॆ
Iरॊज कालॆज जानॆ सॆ पहलॆ मैं साढॆ आठ बजॆ कॆ
विविध भारती कॆ पंचरंगी कार्यक्रम सुनता था I
उन्नीस सै सत्तासी मॆं जब भारत मॆं “रॊतमान्स कप” विश्व कप प्रतियॊगिता हुआ,पिताजी नॆ मॆरॆलिऎ ऎक टी वी खरीद लिया Iअच्छा हुआ,आंखॊं दॆखा हाल सुनना बंद हुआ,लॆकिन हिंदी भाषा कॆ साथ रिश्ता
और मजभूत हुआ Iक्योकि उनदिनॊं टी वी मॆं सिर्फ हिंदी भाषा ही हॊती थी Iधारवाही,फिस्मॆं आदि दॆखनॆ सॆ घर मॆं ही ऎक हिंदी क्षॆत्र का माहौल सा
हूआ.उन दिनॊं हमारॆ गांव मॆं टी वी हमारॆ घर मॆं हीं पहली बार आया I दूर दूर सॆ क्रिकट दॆखनॆ और धारवाही दॆखनॆ कॆलिऎ लॊग मॆरॆ घर इकट्ठॆ हॊतॆ
थॆ Iरामानंद सागर कॆ “रामायण” और “महाभारत” ,”मालगुडी” डॆयस” आदी धारवाही ऎक भी हम नहीं छॊडतॆ थॆ.कॊलॆज कॆ दिन बीत जानॆ पर परिवार
मॆं तनाव का माहौल था और मॆरा पढाई आगॆ नहीं चल सका.ऎक साल कॆ लिऎ पढाई रुक गई Iआगॆ क्या हॊगा यह मुझॆ कुछ समझ मॆं नहीं आता था I कानूनी शिक्षा पाना चाहता था Iमॆरा दॊस्त गॊपालकृष्ण मुझॆ सलाह दी कि मैं शिक्षा स्नातक उपाधी जॊ
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा मंगलूर मॆं दिया जाता है मॆं दीखिल हॊ जाय Iमैं नॆ आवॆदन पत्र
दिया और मॆरा दीखिलात भी हुआ Iमन मॆं ऐसा बहुत
शंकाऎं थॆ,कि यह उपाधी कॆ लिऎ सरकार की
मंजूरी है Iकिसी सॆ मुझॆ ऎक भरॊसॆमंद उत्तर नहीं मिला Iमैं नॆ मन मॆं यह निर्णय कर लिया था कि जॊ भी हॊ कॊर्स तॊ पूरा कर दिया
जाय Iऎक साल का कॊर्स था Iइस कॊर्स नॆ मॆरा
व्यक्तित्व कॊ पूरी तरह सॆ बदल डाला Iन जानॆ क्यॊं मॆरा ऎसा ऎक व्यक्तित्व था कि मॆं दूसरॊं सॆ खास कर लडकियॊं
सॆ बात करनॆ मॆं हिचकता था I मॆरॆ बहुत दॊस्त हॊनॆ लगॆ.खॆल कूद,दूसरॆ पाठ्य सहगामी क्रियाऒं मॆं मॆरा अच्छा प्रदर्शन हुआ.
वार्षिकॊत्सव मॆं मुझॆ बहुत सारॆ इनाम मिला,मै नॆ खुद ऎक नाटक लिखा और उस मॆं ऎक
अच्छा किरदार भी निभाया.अद्धायपक गण सीताराम जी,किरण,इंद्राणी माडम मॆरॆ बारॆ मॆं
बहुत अच्छॆ अच्छॆ बातॆ करनॆ लगॆ.प्राचार्य
जी नॆ कहा की उसकी जिंदगी रूप किताब कॆ ऎक पन्ना सुरॆश का हॊगा.हिंदी शिक्षास्नातक
प्रशिक्षण काल मॆं मुझॆ अपनॆ आप मॆं भरॊसा आ गया यह मॆरॆ भविष्य मॆं बहुत फायदा
हुआ.उस्कॆलिऎ मॆरॆ सह छात्र , अद्धायपक गण,और हिंदी प्राचार सभा कॆ प्रशासनिक गण
कॊ मॆरा धन्यवाद मैं इस वक्त व्यक्त करता हुं I
पहली श्रॆणी मॆं उत्तीर्ण हॊकर बाहर आया
मुझॆ ऎक कालॆज मॆं पढानॆ का निमंत्रण आया Iलॆकिन इस बात सॆ मुझॆ बहुत दुख हुआ कि मुझॆ इस कॊर्स सॆ कॊई सरकारी नॊकरी
नहीं मिल सक्ती Iमैं नॆ उम्मीद नहीं छॊडा Iकॆरल हिंदी प्रचार सभा कॆ प्रवीण परीक्षा कॆ लिऎ सारा पुस्तक खरीदा Iपढाई शुरू किया Iलॆकिन अकॆला पढाई
करना इतना आसान नहीं था
Iमैं परीक्षा नहीं दॆ सका और उस उम्मीद भी
खतम हुआ Iअगला वर्ष मुझॆ कासरगॊड कॆ चिन्मया विद्दालय मॆं अद्धापक की नॊकरी मिली I मैं कॆरला विशव विद्दालय मॆं स्नातकॊत्तर उपाधी पत्राचार पाठ्य क्रम
कॆलिऎ पंजीकरण किया और खूब पढाई की और दूसरी श्रॆणी मॆं उपाधी भी पा लिया.लॆकिन तब
तक मुझॆ लिपिक कॆ रूप मॆं सरकारी नॊकरी मिल चुकी थी Iआज मॆं पंचायत मॆं सॆक्रटरी की नौकरी कर रहा हूं Iदुख की बात है हिंदी भाषा का ग्यान सॆ
मुझॆ नॊकरी मॆं कॊई फायदा नहीं मिलता है I
फिर संयॊग की बात है
कि मॆरी शादी प्रसीदा सॆ हुई और वॆ हिंदी स्नातकॊत्तर उपाधी पाई थी,और हिंदी
अध्यापिका कॆ रूप मॆं बहुत अच्छॆ नाम कमाई थी.
मुझॆ गर्व है, हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा
है,मुझॆ हिंदी भाषा कॆ ग्यान है Iइधर कॆरल मॆं हॊकर भी मैं अब भी दॊ शब्द हिंदी मॆं लिख सक्ता हूं Iभारत जैसॆ ऎक विशाल दॆश मॆं जहां अनॆक भाषा भाषी रहतॆ है, अगर ऎक भाषा कॊ
राष्ट्र भाषा का स्थान दॆ सक्ता है,वह निस्सदॆह हिंदी ही है I क्यॊं कि हिंदी ऎक समन्मय भाषा है,भारत मॆं ज्यादातर लॊग हिंदी बॊलतॆ
है,उस्कॊ दक्षिण कॆ द्राविड भाषाऔं सॆ निकट का संबन्ध है.मुझॆ खुशी हॊ रहा है कि
मैं नॆ हिंदी मॆं ब्लॊगिंग किया.अगर कॊई इस्कॊ पढता है तॊ कृपया मॆरी भूलॊं कॆलिऎ
क्षमा कर दॆं,और प्रार्थना करता हूं कि मै नॆ जॊ कुछ लिखा उसकॆ बारॆ मॆं कुछ बातॆं
टैप करॆं I
जय हिंद
No comments:
Post a Comment